राजस्थान के राज्यसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने शुरू कर दिया आत्ममंथन, मैनेजमेंट कहां रहा फेल

दूसरी सीट जीतने के लंबे-चौड़े दावे किए थे बल्कि पार्टी विधायक शोभरानी कुशवाह की क्रॉस वोटिंग करके पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी जताई थी। त्वरित कार्रवाई करते हुए पार्टी ने बागी विधायक को अपनी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है और उन्हें नोटिस जारी किया है।

चुनाव से पहले निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा दावा कर रहे थे कि कांग्रेस के आठ विधायक उनके पक्ष में वोट देंगे। यहां तक कि बीजेपी के नेता भी दो सीटें जीतने के बयान दे रहे थे। हालांकि चुनावों के बाद पार्टी के सुर बदल गए। मतदान के बाद विधानसभा से रवाना होते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा, ‘हम दो सीटें कैसे जीत सकते थे जब हमारे पास सिर्फ एक सीट जीतने का ही बहुमत था? हमने कुछ नहीं खोया है।’

उन्होंने कहा कि निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने के पार्टी के फैसले के पीछे गहलोत सरकार को बेनकाब करना था। उन्होंने विधायकों की किलेबंदी की और उन्हें बहकाया था। हालांकि, बीजेपी के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि यदि एक महीने पहले उम्मीदवार का चयन हो जाता तो परिणाम बदल सकते थे। देर से घोषणा होने से सत्तारूढ़ सरकार को बढ़त हासिल हुई। ऐसा नहीं है कि हमरे पास संख्याबल नहीं था। कुछ ऐसे विधायक थे जो संपर्क में थे लेकिन कुछ प्रतिबद्धता चाहते थे और अन्य लोग अपना नाम उजागर नहीं करना चाहते थे।

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