108 घंटे बाद खत्‍म स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद का अनशन, ज्ञानवापी में पूजा की कर रहे थे मांग

ज्ञानवापी में पूजा की मांग को लेकर अन्‍न-जल त्‍याग कर बैठे स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद ने 108 घंटे बाद अपना अनशन तोड़ दिया है। इस फैसले के पीछे उन्‍होंने द्वारका शारदा पीठाधीश्‍वर शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती का आदेश बताया।

स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद  ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली पत्‍थर की संरचना की पूजा करना चाहते थे जिसके शिवलिंग होने का दावा हिन्‍दू पक्ष कर रहा है। जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वह फव्‍वारा है। 108 घंटे अनशन पर बैठे रहने के दौरान स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद का वजन 5 किलो 400 ग्राम कम हो गया। अनशन खत्‍म करने के बारे में स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद ने बताया कि उन्‍हें जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का पत्र मिला है।

कांची मठ के महाराज ने भी उन्‍हें एक पत्र भेजा है। उन्‍होंने कहा कि मैं गुरु आज्ञा से ही भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा के लिए काशी आया था। अब उनके आदेश से भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन करूंगा। इसके साथ ही उन्‍होंने भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर निर्माण के लिए देश भर में अभियान चलाने की भी बात कही। स्‍वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि ज्ञानवापी में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग प्रकट हुआ है। उन्‍होंने आदि विश्‍वेश्‍वर की नियमित पूजा-स्नान, शृंगार और राग-भोग करना जरूरी बताया और इस मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए। उन्होंने 4 जून को ज्ञानवापी जाकर शिवलिंग की पूजा का ऐलान भी किया था। पुलिस ने उन्‍हें ज्ञानवापी जाने से रोक दिया जिसके बाद वह श्रीविद्या मठ में अनशन पर बैठ गए। स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद ने कहा था कि जब तक शिवलिंग की पूजा शुरू नहीं हो जाती तब तक वह अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। उनकी ओर से इस मांग को लेकर अदालत में याचिका भी दाखिल की गई है जिस पर जिला जज की अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button