कोरोना वायरस से जंग में जुटी सरकार, जानिए किस तरह की सख्ती बढ़ी

कंटेनमेंट जोन के लक्षण वाले मरीज की 24 घंटे होगी जांच

भारतदूत डॉटकाॅम

लखनऊ। कोरोना संक्रमण पर  काबू  पाने के लिए कंटेनमेंट जोन में घर-घर टीमें जाएंगी। यदि किसी जगह एक पॉजिटिव मरीज पाया गया और बाद  में  वहां फिर से कोई मरीज मिलता है तो उस क्षेत्र में 50 मीटर रेडियस को प्रतिबंधित किया जाएगा। इसमें 60 घरों को लक्ष्य बनाकर कार्यवाही की जाएगी। इनमें वे घर भी शामिल होंगे, जिनमें पहला मरीज मिलने पर कंटेनमेंट जोन में शामिल किया गया था। यदि किसी अपार्टमेंट में एक केस मिलेगा तो उसके एक तल को ही कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा। यदि अधिक केस मिले तो पूरे टॉवर को कंटेनमेंट जोन बनाया जाएगा।

यूपी  के  मुख्य  सचिव  आरके  तिवारी  की  ओर  से  जारी  निर्देशों  के  मुताबिक  पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर तैनात किया जाएगा। ये टीमें घरों में खांसी, जुखाम, बुखार और सांस लेने में परेशानी वाले रोगियों को चिह्नित करेंगी। इनके नमूने लेकर आरटीपीसीआर जांच के लिए भेजे जाएंगे। यह जिम्मेदारी सैंपल कलेक्शन टीम के नोडल अधिकारी की होगी।  कंटेनमेंट जोन में टीम से चिह्नित किसी भी संभावित रोगी की पहचान होने के बाद 24 घंटे में उसकी जांच जरूरी है। अंतिम पॉजिटिव केस का नमूना लेने की तारीख से 14 दिन तक संबंधित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन बना रहेगा। यदि अंतिम पॉजिटिव केस के नमूना कलेक्शन की तारीख से 14 दिन तक कोई अन्य केस उस क्षेत्र में नहीं पाया जाता है तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन की सूची से बाहर कर दिया जाएगा। हर दिन नए मिले केस के क्षेत्र में कंटेनमेंट की कार्यवाही उसी दिन की जाएगी।

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